अपने संस्कार धर्म संस्कृति की रक्षा करे शाकद्वीपी ब्राह्मण समाज : गिरीन्द्र मोहन मिश्र
आरा (भोजपुर)। मग धर्म संसद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीन्द्र मोहन मिश्र ने सूर्य सप्तमी के पावन अवसर पर शाकद्वीपी ब्राह्मण समाज से विशेष आग्रह किया है कि वे सभी अपने संस्कार और धर्म संस्कृति की रक्षा करें. यह आपकी जवाबदेही है, पुनीत कर्त्तव्य है, संस्कार है और सरोकार है. आप शाकद्वीपी ब्राह्मण सूर्यअंशी हैं. इसीलिए आप सौर धर्म के पालक हैं. आज का दिन भगवान सूर्य का अवतरण दिवस है. आज का दिन शक्ति की देवी माता दुर्गा का भी अवतरण दिवस है. इसीलिए इसे अचला सप्तमी भी कहा जाता है. श्री मिश्र ने आगे स्पष्ट करते हुए कहा कि आप शाकद्वीपी ब्राह्मण सूर्य के वंश नहीं है अपितु सूर्य के अंश हैं, इसीलिए आप सूर्यअंशी हैं. तभी तो कुछ धार्मिक, श्रद्धा का कर्म, संस्कार का कर्म सूर्य की अनुपस्थिति और आपकी उपस्थिति में भी होती है क्योंकि आप सूर्यअंशी हैं.आपकी उपस्थिति सूर्य की उपस्थिति मानी जाती है.धर्म शास्त्र यह अधिकार सिर्फ आपको देता है. आप अपनी ज्ञान शक्ति को अक्षुण्ण रखें और उसके बदौलत जन स्वास्थ्य सेवा, ज्ञान सेवा, प्रकृति सेवा को मजबूती के साथ करें. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बात पर ख़ुशी और संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि संपूर्ण भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में बसे अपने शाकद्वीपी ब्राह्मण समाज के लोग आज साक्षात् दृश्यमान भगवान श्री सूर्यदेव जी का अवतरण दिवस सूर्य सप्तमी, रथ सप्तमी, और दुर्गा जी का अवतरण दिवस अचला सप्तमी का पावन पर्व काफी श्रद्धा भक्तिभाव से मनाएं हैं और विश्व कल्याण के लिए पूजा प्रार्थना किए हैं.